Shodashi for Dummies

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In A different depiction of hers, she's revealed as being a sixteen-year-outdated young and sweet Female decorated with jewels using a dazzling shimmer in addition to a crescent moon adorned around her head. She is sitting on the corpses of Shiva, Vishnu, and Brahma.

इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?

सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

Just after 11 rosaries on the initial day of commencing With all the Mantra, you'll be able to bring down the chanting to at least one rosary on a daily basis and chant 11 rosaries around the eleventh day, on the final day of your chanting.

He was so potent that he designed the entire entire world his slave. Sage Narada then requested the Devas to carry out a yajna and in the fire of the yajna appeared Goddess Shodashi.

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

She is the possessor of all fantastic and excellent matters, including physical goods, for she teaches us to possess without getting possessed. It is said that stunning jewels lie at her feet which fell from your crowns of Brahma and Vishnu when they bow in reverence to her.

The story is a cautionary tale of the power of want and also the necessity to establish discrimination by meditation and adhering to the dharma, as we development within our spiritual path.

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ click here है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?

The globe, as being a manifestation of Shiva's consciousness, holds the key to liberation when just one realizes this essential unity.

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥

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